EMI क्या है? EMI का फुल फॉर्म क्या है? – आज के समय में आप में से बहुत सारे लोगों ने कोई ना कोई प्रोडक्ट जरूर फाइनेंस कराया होगा। यदि ऐसा है तो आप EMI के बारे में जरूर जानते होंगे। यदि हम किसी भी प्रोडक्ट को फाइनेंस कराते हैं तो उसके लिए हमें कुछ डाउन पेमेंट देना पड़ता है। उस डाउन पेमेंट के बाद बचे रकम को ब्याज के साथ जोड़कर उसकी EMI बनाई जाती है। आपको प्रतिमा कितनी EMI पेमेंट करनी है यह प्रोडक्ट के प्राइस एवं EMI के अवधि पर निर्भर करती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे की EMI क्या है? EMI का फुल फॉर्म क्या है?
EMI क्या है?
EMI एक निश्चित भुगतान राशि है जो एक उधारकर्ता द्वारा प्रत्येक कैलेंडर माह में एक निश्चित तिथि पर एक ऋणदाता को दी जाती है। समान मासिक किश्तें प्रत्येक महीने के ब्याज और मूलधन दोनों के हिसाब से लागू होती हैं, ताकि निश्चित अवधि के अंदर लोन का पूरा भुगतान किया जा सके। जैसे मान लीजिए आप ने ₹100000 का लोन लिया है और उस पर 10% का वार्षिक ब्याज लगता है। ऐसे में यदि आप एक साल के लिए EMI कराते हैं तो आपको प्रतिमाह लगभग ₹9,166 रुपए का भुगतान करना पड़ेगा।
इसी तरह यदि आप कोई प्रोडक्ट फाइनेंस कराते हैं और उस पर जितना भी वार्षिक ब्याज लागू किया गया होता है उसी के अनुसार आपकी EMI बनती है। बहुत सारे ऐसे फाइनेंसियल सर्विस हैं जो किसी भी प्रोडक्ट को फाइनेंस करने से पहले उसका कुछ प्रतिशत डाउन पेमेंट लेती हैं। उसके बाद प्रोडक्ट की कीमत में से डाउन पेमेंट को घटाकर जितनी राशि से शेष बचती है उसके साथ ब्याज की गणना करके उसकी EMI कर दी जाती है।
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EMI कई अलग-अलग फैक्टर्स पर निर्भर करती है जैसे ऋण ली गई कुल राशि (Principal borrowed or Principal Amount), ब्याज की दर (Rate of interest), ऋण की अवधि (Tenure of the loan), इत्यादि। आप खुद से ही अपने EMI की गणना कर सकते हैं। इसके लिए ऋण लिए गए राशि ऋण चुकाने की अवधि एवं ऋण पर लगे वार्षिक ब्याज की गणना करनी पड़ती है।
EMI का फुल फॉर्म क्या है?
EMI का फुल फॉर्म Equated Monthly Installment होता है। जब हम किसी वित्तीय संस्थान से कोई लोन लेते हैं तो उस लोन को जमा करने की एक निर्धारित अवधि तय की जाती है। इसके साथ ही साथ उस लोन पर कुछ वार्षिक ब्याज भी लिया जाता है। उधार लिए गए राशि एवं उस पर लगने वाले वार्षिक ब्याज एवं उधार चुकाने की अवधि को एक साथ मिलाकर बढ़ना कर लिया जाता है। इस अनुसार मानसिक रूप से किस्त तय हो जाती है। इसका एक उदाहरण हम आपको ऊपर ही समझा चुके हैं।
अब एक उदाहरण के रूप में हम आपको EMI का मतलब समझा देते हैं। यदि आपने ₹1,00,000 का कोई लोन लिया है जिसे चुकाने की अवधि 2 वर्ष तय की गई है। इस लोन ली गई राशि पर 10% का वार्षिक ब्याज लिया जाता है। तो आप इसी आधार पर अपनी EMI कैलकुलेट कर सकते हैं।